साईंस क्लब का ऑनलाईन शुभारंभ आज दिनांक 16.02.2021 को प्रातः 11.30 बजे किया गया।

 


शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के साईंस क्लब का आॅनलाईन शुभारंभ आज दिनांक 16.02.2021 को प्रातः 11.30 बजे किया गया। कार्यक्रम के इस अवसर पर ज्वकंले ैबमदंतपव व िॅवतसक ंदक भ्वचम तिवउ ैबपमदबमे विषय पर दो दिवसीय आॅनलाईन वर्कषाप का आयोजन किया गया। 
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में वर्तमान परिस्थितियों में विज्ञान की आवष्यकता एवं उसके स्टेट्स पर प्रकाष डाला। इसके पश्चात् हेमचंद यादव विष्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा ने अपने महत्वपूर्ण प्रस्तुतिकरण में महाविद्यालय के साईंस क्लब की अवधारणा की प्रषंसा की तथा कहा कि हर संकाय को इस प्रकार के क्लब की स्थापना करना चाहिए, जिससे विज्ञान के साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों पर भी नवीन कार्य किये जा सके उन्होंने साईंस क्लब के इस कार्यक्रम में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की भागीदारी को बहुत ही सराहनीय कदम बताया तथा विज्ञान विष्वविद्यालय के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। 
इसके पश्चात् महाविद्यालय की प्रो. रंजना श्रीवास्तव ने आभार व्यक्तव्य दिया।
कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में डाॅ. एम.राॅय, आरटीएम, नागपुर युनिवर्सिटी, नागपुर ने साईंस एवं टेक्नालाॅजी के आपसी सामंजस्य पर अत्यंत रोचक जानकारी दी। उन्हांेने बेसिक साईंस के महत्व को समझाते हुए स्कील टूल मटेरियल को समझाया। उन्होंने साईंस एवं टेक्नालाॅजी के बीच के संबंधों पर प्रकाष डाला। उन्होंने विकास को परिभाषित करते हुए कहा कि आर्थिक विकास ही सही मायने में विकास कहलाता है, जो आर्थिक असमानता को कम करके गरीबी दूर कर सके। उन्होंने वैज्ञानिक आउटपुट का उपयोग करके उन्होंने सामाजिक वातावरण के विकास करने पर जोर दिया तथा समझाया कि किस प्रकार साईंस क्लब की सहायता से विज्ञान को समाज में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके पश्चात् महाविद्यालय के शोध छात्रों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अपने शोध एवं विज्ञान के विभिन्न विषयों में अपनी प्रस्तुतिकरण दी। 
शोध छात्रों के समूह में भौतिक शास्त्र की नेहा दुबे ने श्च्ीवेचीवतने वित कपेचसंल ंदक ंकअंदबम वितमदेपब ंचचसपबंजपवदश् पर अपनी प्रस्तुतीकरण दी तथा स्नउपदपेबमदबम के बवदबमचज को समझाया। 
रसायन शास्त्र की आयषा हाषमी ने श्ळतममद ैलदजीमेपे व िळतंचीमदम वगपकमश् पर अपनी  प्रस्तुतिकरण दी तथा ड च्तव च्तवजमपद  एवं चीलजवबीमउपबंसे के मध्य ैपउनसंजपवद च्तवबमेे के टंसपकंजपवद पर प्रकाष डाला। 
वनस्पति शास्त्र के दानेष्वर प्रसाद ने म्दअपतवदउमदजंस बवदजतपइनजपवद व िजवकंले ेबमदंतपव पर अपना च्तमेमदजंजपवद दिया तथा च्ंदकमदपब होने के लिए क्षतिकारक कारकों के मध्य संबंधों पर प्रकाष डाला तथा बताया कि वायु प्रदूषण कोविड-19 को प्रभावित करता है तथा जलवायु परिवर्तन की मचपकमउपबे में भूमिक तथा वनों के प्राकृतिक क्षरण में जीव जन्तुओं के द्वारा जतंदेउपजजमक बिमारियों के संबंध में जानकारी दी। प्राणीषास्त्र के ईवराज जंघेल ने श्क्पअमतेपजल व िेवपस चतवजव्रवं तिवउ कनतहश् ने मृदा के भौतिक एवं रासायनिक गुणों तथा उनमें पाये जाने वाले प्रोटोजोआ के संबंध में जानकारी दी तथा मृदा की गुणों को बनाये रखने में इन सूक्ष्म जीवों की भूमिका पर प्रकाष डाला। 
माइक्रोबायलाॅजी की हेमपुष्पा ने म्दअपतवदउमदजंस बवदजतपइनजपवद व िजवकंले ेबमदंतपव पर प्रस्तुतिकरण देते हुए वातावरण में च्वसलजीमदम की समस्या तथा च्संेजपब कमहतंकपदह  सूक्ष्मजीवों की भूमिका पर प्रकाष डाला। 
कार्यक्रम के दूसरे दिन 17.02.2021 को तृतीय सत्र में डाॅ. ज्योत्सना एस. मेश्राम आर.जे.एम. नागपुर विष्वविद्यालय, नागपुर ने श्रियल लाईफ एप्लीकेषन इन केमिस्ट्रीश् पर आमंत्रित व्याख्यान स्नाकोत्तर विद्यार्थियों की प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। उन्होंने पहले रसायन शास्त्र के क्षेत्र में नोेबेल पुरस्कार विजेताओ एवं अन्य वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को बहुत ही रोचक ढंग से विद्यार्थियों को समझाया। साथ ही साथ उन्होंने वर्तमान समय की समस्याओं जैसे कचरे का प्रबंधन, जनसंख्या, तेल रिसाव, वन विनाष तथा जल की समस्याओं पर प्रकाष डाला। उन्होंने रसायन के क्षेत्र में आवष्यक औषधी निर्माण तथा इनके जीनपूल पर प्रभाव को समझाया। साथ ही साथ महिलाओं के लिए बालों के सौंदर्य की केमेस्ट्री को बहुत ही रोचक तरीके से विद्यार्थियों को समझाया। इसके पश्चात् विद्यार्थियों के प्रस्तुतिकरण सत्र में महाविद्यालय के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने प्रसतुतिकरण दी। भौैतिकी शास्त्र विभाग की धर्मिषा नरेटी ने एपीडेमियोलाॅजी विषय पर संक्रमणकारी और असंक्रमणकारी बिमारियों तथा उनके फैलने के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों एवं जीन सिक्वेंसिंग तथा मैथेमेटिकल माॅडल की आवष्यकताओं को बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। रसायन शास्त्र के अनिरूध्द भट्टाचार्य ने इंपैक्ट आॅफ कोविड-19 आॅन इनवायरमेंट एण्ड स्ट्रेटजी आॅफ सस्टेनेबिलिटी पर अपनी प्रस्तुतिकरण दी। उन्होंने कोविड-19 के पर्यावरण पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया। बायोटेक्नालाॅजी की प्रगति कर्रीमोर एवं निधि जैन ने एसएकेएस को-वी: चैलेंज बीफोर वल्र्ड एण्ड इफेक्ट आॅफ साईंस विषय पर अपनी प्रस्तुतिकरण दी तथा वायरसें के जीनोमिक प्रकारों, वैक्सीन का विकास तथा सायटोकाइन स्टार्म के बारे में समझाया। वनस्पति शास्त्र के उमाषंकर ने इम्न्यूटी बूस्तर प्लान्ट पर अपने प्रस्तुतिकरण में हल्दी, तुलसी, अमरबेल, नीबू, नीम, आंवला, काली मर्च तथा मूलेठी को इम्यूनोबूस्तर के रूप में प्रस्तुत किया तथा इनके सेकेण्डरी मेटाबूलाईटस के बारे में जानकारी दी। प्राणीषास्त्र विभाग की सिमरन खत्री ने कन्ट्रीब्यूषन आॅफ साईंस टू रिवाइव टू डे ग्लोबल प्राब्लम पर अपनी प्रस्तुति दी तथा ग्लोबल वार्मिंग एवं वायु प्रदूषण से बचाव के बारे में बताया। माइक्रोबायलाॅजी की नीलिमा देवांगन ने रेलीवेंट कन्ट्रीब्यूषन आॅफ साइंस टू रिजाॅल्व टूडे प्राब्लम विषय पर अपनी प्रस्तुतिकरण में कोविड-19 के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। भूगर्भषास्त्र के निखिल वर्मा ने इंन्वायरमेंटल कन्ट्रीब्यूषन इन टू डेज सिनारियो विषय पर अपने प्रस्तुतिकरण में भारत सरकार द्वारा पर्यावरण को बचाने हेतु उठाये जा रहे कदमों के संबंध में जानकारी दी। गणित विभाग की निकिता सिंह ने कन्ट्रीब्यूषन आॅफ साइंस टू रिजाॅल्व टूडे प्राब्लम विषय पर प्रदूषण की समस्या तथा उससे बचने के उपाय के संबंध में प्रस्तुतिकरण दी साथ ही निषिकेता दास ने विभिन्न वैष्विक समस्याओं जैसे प्राकृतिक आपदा मौसम परिवर्तन, वायु प्रदूषण के संबंध में प्रस्तुतिकरण दी।