नैक मूल्यांकन पर संभाग स्तरीय एक दिवसीय वर्कषाप का आयोजन

 
शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के रवीन्द्रनाथ टैगोर हाॅल में दोपहर 1.00 बजे नैक एक्रीडिटेषन पर दुर्ग संभाग के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों हेतु एक दिवसीय रिजनल लेवल वर्कषाप का आयोजन किया गया। इस वर्कषाप का आयोजन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालनालय छ.ग. उच्चषिक्षा दुर्ग संभाग, दुर्ग एवं शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। वर्कषाप का आयोजन दुर्ग संभाग के सभी शासकीय महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन हेतु तैयारियों से संबंधित जानकारी प्रदान करने के लिए किया गया। नैक मूल्यांकन हेतु दुर्ग संभाग के महाविद्यालयों के द्वारा की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा हेतु सभी प्राचार्यों को किया गया। 
कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. एस.सी. तिवारी, क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्चषिक्षा विभाग, दुर्ग संभाग दुर्ग ने राज्य के सभी महाविद्यालयों मंे नैक मूल्यांकन की स्थिति एवं दुर्ग संभाग के महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। जिन महाविद्यालयों की स्थिति नैक संबंध में अच्छी नही है, उन्हें नैक मूल्यांकन से संबंधित तैयारियों को तत्काल प्रारंभ करने की सलाह दी।  
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने नैक मूल्यांकन से संबंधित सभी फार्मेट को सही रूप से भरने तथा जानकारियों को एक जगह एकजाई करके रखने की विधि बतायी। साथ ही उन्होंने सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों से नैक मूल्यांकन के संबंध में उनकी व्यक्तिगत तैयारियों के संबंध में चर्चा की एवं उनकी परेषानियो का समाधान भी बताया। इसके पश्चात् उन्होंने सदस्योें के प्रष्नों के उत्तर भी दिये। 
डाॅ. प्रषांत श्रीवास्तव अधिष्ठाता, छात्र कल्याण हेमचंद यादव विष्वविद्यालय दुर्ग ने नैक के नये फार्मेट में चाही गयी आवष्यकताओं को अत्यंत बारीकी से समझाया। उन्होंने अत्यंत सरल शब्दों में नैक मूल्यांकन से संबंधित जानकारियों को जमा करने तथा समय पर इसका उपयोग किस प्रकार किया जाये इसे समझाया, साथ ही भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता हेतु स्वयं की तत्परता दिखाई। इसके पश्चात् महाविद्यालय की आईक्यूएसी संयोजक डाॅ. जगजीत कौर सलूजा ने सभी महाविद्यालयों से आग्रह किया कि वे नोडल सेंटर द्वारा चाही गई जानकारियों को आवष्यक रूप से भेजे। 
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ डाॅ. जी.ए. धनष्याम ने छ.ग. को नैक के परिदृष्य पर काफी पिछड़ा बताया एवं उसे आगे लाने हेतु प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से किसी प्रकार की सहायता न मिलने पर भी महाविद्यालय अपने स्तर पर प्रयास करके नैक की तैयारी कर सकते है। उन्होंने नैक के लिए डाॅक्यूमेंटेषन की तैयारी पर विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा बेस्ट प्रैक्टिसेस तैयार करने की विधि पर बहुत सटीक जानकारी दी। उन्होंने छात्र या समुदाय के हितलाभ पर आधारित बेस्ट प्रैक्टिसेस करने पर जोर दिया। 
कार्यक्रम में दुर्ग संभाग के 5 जिलों से 62 महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा उनके आईक्यूएसी काॅडिनेटर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के नैक काॅडिनेटर डाॅ. जगजीत कौर सलूजा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।