सभी स्वषासी महाविद्यालय प्रतियोगी दृष्टिकोण विकसित करें - शारदा वर्मा

 
सभी स्वषासी महाविद्यालय प्रतियोगी दृष्टिकोण विकसित करें - शारदा वर्मा
शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में प्रदेष के सभी स्वषासी महाविद्यालयों में नयी षिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय सेमेस्टर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने हेतु प्राचार्यों की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रदेष के 8 स्वषासी महाविद्यालयों के प्राचार्य, परीक्षा नियंत्रक एवं आईक्यूएसी समन्वयक उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता    श्रीमती शारदा वर्मा, आयुक्त, उच्चषिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में नवनिर्मित जिम एवं मीडिया सेन्टर का उद्घाटन आयुक्त, उच्चषिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा किया गया। 
औपचारिक स्वागत समारोह के पश्चात महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. ज्योति धारकर द्वारा नैक की उपलब्धियों पर संक्षिप्त जानकारी दी गयी। 
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह नें  सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारी कोषिष होगी कि नयी षिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करते समय इस बात को ध्यान रखा जायें कि सभी के क्रेडिट में समरूपता हो। 
डॉ. जी.ए. धनष्याम, विषेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, राज्य स्तरीय गुणवत्ता प्रकोष्ठ ने अपने उद्बोधन में संपूर्ण महाविद्यालय विषेष रूप से महाविद्यालय के सदस्यों के कार्य निष्ठा की प्रषंसा  करते हुए कहा कि यहां के प्राध्यापकों की मेहनत एवं लगन के कारण ही महाविद्यालय निरंतर उन्नति कर रहा है।
आयुक्त महोदया ने महाविद्यालय में अपने पिछले निरीक्षण का पालन प्रतिवेदन सभी महाविद्यालयों से प्राप्त किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय बहुत अच्छा कार्य कर रहे है। नयी षिक्षा नीति को लागू करने के संबंध में उन्होंने आग्रह किया कि सभी महाविद्यालय ये कोषिष करें कि यदि पाठ्यक्रम में विभिन्नता होती हो तो भी क्रेडिट एक जैसा रखें तथा सभी स्वषासी महाविद्यालय प्रतियोगी दृष्टिकोण विकसित करें ताकि राज्य के सभी स्वषासी महाविद्यालय उत्कृष्ट संस्थान के रूप में दर्ज किए जा सकें। इस संबंध में अगला बैठक साइंस महाविद्यालय, बिलासपुर में आयोजित किए जाने की जानकारी दी। आयुक्त महोदया ने महाविद्यालयों को नयी षिक्षा नीति लागू करने में आने वाले वित्तीय व्ययों हेतु वित्तीय प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने सभी महाविद्यालयों को निर्देषित किया कि वे भी अपने महाविद्यालय वैल्यू ऐडेड कोर्सेस, डिप्लोमा कोर्सेस एवं नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करें। महाविद्यालय के प्राध्यापक पीएचडी गाईड हेतु अपना रजिस्ट्रेषन करायें एवं प्रदेष में शोध को स्तर को उंचा उठाने में अपना सहयोग दें। 
इसके पश्चात् स्वषासी महाविद्यालय के प्राचार्यों द्वारा अपने महाविद्यालय में नयी षिक्षा नीति लागू करने हेतु बनाये गये प्रारूप की जानकारी पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण द्वारा दी गयी। बैठक के पश्चात् सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों द्वारा महाविद्यालय का भ्रमण किया। 
द्वितीय सत्र में महाविद्यालय के भौतिक शास्त्र की सहायक प्राध्यापक डॉ. कुसुमांजलि देषमुख ने कोर्स आउटकम, प्रोग्राम आउटकम तथा लर्निंग अटेंनमेंट पर पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। 
अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जगजीत कौर सलूजा द्वारा किया गया।