साईंस काॅलेज दुर्ग के अंग्रेजी विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

 
साईंस काॅलेज दुर्ग के अंग्रेजी विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में दिनांक 29 एवं 30 जनवरी 2023 को अंग्रेजी विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था- श्लिटरेचर, कल्चर, मीडिया एवं टेक्नोलाॅजी: इंटरसेक्षनस एंड डिस्रपषन्सश्! उक्त अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में       डाॅ. केसरी लाल वर्मा, कुलपति, पंडित रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर से आमंत्रित थे। 
अध्यक्ष के रूप में डाॅ. सुषील चंद्र तिवारी, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्चषिक्षा विभाग आमंत्रित थे। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डाॅ. बिनोद मिश्रा, प्राध्यापक आईआईटी रूड़की, डाॅ. प्रांतीक बैनर्जी, प्राध्यापक, हिसलप काॅलेज, नागपुर एवं डाॅ. दिनेष कुमार नायर, डीन रिसर्च वी.जी. वझे काॅलेज, मुलुंड, मुम्बई आमंत्रित थे। 
संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह की शुरूआत कार्यक्रम की आयोजक सचिव डाॅ. सोमाली ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय की महत्ता एवं उद्देष्य पर प्रकाष डाला। उसके पश्चात् सम्मानित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्जवलन किया गया। विभाग की अध्यक्ष डाॅ. कमर तलत द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान करते हुए अपने विभाग का परिचय दिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में विभाग को शुभकामनाएं दी एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से हम सब कुछ कह सकते है और मीडिया तथा टेक्नोलाॅजी एक दूसरे के पूरक हैं। साहित्य का इसमें बहुत बड़ा योगदान रहा है। 
मुख्य अतिथि डाॅ. केषरी लाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में विषय को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि साहित्य, संस्कृति, मिडिया एवं टेक्नोलाॅजी समाज के चार स्तंभ है। इस संगोष्ठी का उद्देष्य छात्र-छात्राओं की बेहतरी एवं पूरी षिक्षा व्यवस्था छात्राओं पर केन्द्रित होनी चाहिए। प्रदेष एवं देष के अंतिम छात्र तक हमारी पहुंच होनी चाहिए, ताकि हमारी युवा पीढ़ी संसार में एक अच्छे समाज की स्थापना कर पाएं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. सुषील चंद्र तिवारी ने कहा कि 21वीं सदी में टेक्नोलाॅजी समाज का मार्ग प्रषस्त कर रही है। संगोष्ठी के विषय पर विस्तार पूर्वक डाॅ. मर्सी जाॅर्ज द्वारा प्रकाष डाला गया। 
पहले सत्र के वक्ता डाॅ. विनोद मिश्रा ने अपने विषय एक्सपाॅडिंग विंक्स, इनहाॅसिंग लाइव्स: आरकाईविंग वर्चुअल (रियालिटीस) थ्रू डिजिटल लिटरेचर पर चर्चा करते हुए अत्यंत ही ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। दूसरे सत्र के वक्ता डाॅ. प्रांतीक बैनर्जी द्वारा समकालीन विषय श्व्हाट् इज ए बुक इन द टाइम आॅफ शेल्फी: लिट्रेचर एण्ड टेक्नोकल्चरश् पर चर्चा की। पुस्तकों एवं साहित्य का डिजिटाईजेषन एवं म.स्पज पुस्तकों के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। प्रथम दिन के कार्यक्रम का समापन डाॅ. निगार अहमद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। 
संगोष्ठी के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता डाॅ. दिनेष कुमार नायर ने एस्थेटिक्स आॅफ सफरिंग: पेन, स्टडीज परस्पैक्टिव्स आॅन लिटरेचर एंड मीडिया विषय पर बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं विस्तृत चर्चा की। संगोष्ठी में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी। 50 से अधिक शोध छात्रों द्वारा पेपर ब्लेंडेड मोड में प्रस्तुत किए गए, जिनकी अध्यक्षता डाॅ. सविता सिंह, डाॅ. चंद्रषेखर शर्मा, प्राचार्य ब्ैप्ज्ए डाॅ. विकास पंचाक्षरी, नोडल आॅफिसर, शास.आदर्ष महाविद्यालय, दुर्ग, डाॅ. शैलेष मिश्रा द्वारा की गई। आॅनलाईन मोड पर अध्यक्षता डाॅ. संजय सिंह परिहार, प्राध्यापक ओ.पी. जिंदल विष्वविद्यालय, रायगढ़, डाॅ. नीलू श्रीवास्तव, डाॅ. मोनिका शर्मा, डाॅ. सुदेषना दास गुप्ता द्वारा की गई। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम पंडवानी (लोक गीत) रेणु साहू एवं सह कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गयी। सेके्रटेरियल रिपोर्ट कार्यक्रम की आर्गेनाइजिंग सेके्रटरी डाॅ. सोमाली गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई। वेलेडिक्टरी कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। संगोष्ठी का समापन डाॅ. सुचित्रा गुप्ता के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। दो दिवसीय कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सोमाली गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल बनाने में विभाग के प्राध्यापकों डाॅ. मीना मान, डाॅ. तरलोचन कौर, डाॅ. निगार अहमद, डाॅ. मोनिका शर्मा, कुसुमिता सोनवानी एवं महाविद्यालय के स्टाॅफ, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों का भरपूर योगदान रहा।