प्रेस विज्ञप्ति

साईंस कालेज, दुर्ग में राष्ट्रीय गीत वंदे मातर्म के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सामूहिक गायन का आयोजन किया गया। 



वंदे मातर्म सिर्फ राष्ट्रीय गीत ही नही वरन् भारत की आत्मा और राष्ट्र भावाभिव्यक्ति का एक षाष्वत मंत्र है। स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों का मंत्र बना यह गीत आज भी देषवासियों के प्रेरणा का अजस्र स्रोत बन युवाओं को प्रेरित कर रहा है। उक्त बातें शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातर्म के 150 वर्ष पूर्ण होने पर महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित वंदे मातर्म के सामूहिक गायन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि 1875 में बंकिमचंद चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस अमर गीत का सर्वप्रथम प्रकाषन बंग दर्षन पत्रिका में हुआ। बाद में उनके ऐतिहासिक उपन्यास में समाहित वंदे मातर्म गीत करोड़ो भारतवासियों का कंठहार बनी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री षिवेन्द्र सिंह परिहार ने वंदे मातर्म के 150 गौरवषाली वर्ष पूर्ण होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी देषवासियों को अनंत शुभकामनायें प्रेषित की। शासकीय संगीत महाविद्यालय, दुर्ग के विद्यार्थियों एवं एन.एस.एस. तथा एन.सी.सी. के विद्यार्थियों की अगुवाई में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने एकत्रित होकर वंदे मातर्म का सस्वर सामूहिक गायन किया। कार्यक्रम से पूर्व प्राचार्य, प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने कम्प्यूटर लैब में इस अवसर पर प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के सीधे प्रसारित हो रहे भाषण को सुना। इतिहास विभाग की डाॅ. ज्योति धारकर ने बताया कि शासन के निर्देषानुसार वंदे मातर्म 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर महाविद्यालय में प्रथम चरण में 07 से 14 नवम्बर तक वंदे मातर्म से संबंधित सामूहिक गायन, लद्यु फिल्म एवं पोस्टर निर्माण आदि गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।