प्रेस विज्ञप्ति

हिन्दी विभाग द्वारा हरिभूमि प्रेस, आदिवासी संग्रहालय एवं गरिमा गृह का शैक्षणिक भ्रमण 



शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने प्राचार्य डॉ. ए.के. सिंह तथा हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिनेष सुराना  के मार्गदर्शन में ष्हरिभूमि प्रेस रायपुरष्, ष्आदिवासी संग्रहालय, नया रायपुरष् तथा किन्नर आश्रम ष्गरिमा गृहष् का भ्रमण किया । इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कार्यप्रणाली से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराना था।


भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने समाचार पत्र निर्माण की पूरी प्रक्रिया को देखा समाचार संकलन, संपादन, पृष्ठ सज्जा (पेज मेकिंग), और आधुनिक मशीनों द्वारा अखबार की छपाई की तकनीक को समझा। प्रेस के संपादकीय सदस्यों और तकनीकी विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार सटीकता, गति और जिम्मेदारी के साथ समाचार तैयार किए जाते हैं।


इसके पश्चात विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग का भ्रमण किया, जहाँ उन्हें लाइव न्यूज रूम, एंकरिंग, कैमरा संचालन, ऑडियो-विजुअल एडिटिंग, और प्रसारण प्रक्रिया का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ। विद्यार्थियों ने यह भी जाना कि डिजिटल मीडिया के युग में समाचारों को सोशल प्लेटफॉर्म और वेबसाइट पर कैसे प्रकाशित किया जाता है। प्रेस और मीडिया अधिकारियों ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिए तथा पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में उपलब्ध करियर संभावनाओं पर भी चर्चा की। भ्रमण के अंत में विद्यार्थियों ने प्रेस प्रबंधन एवं मीडिया टीम का आभार व्यक्त किया। यह शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और व्यावहारिक अनुभव से भरपूर रहा। 
  साथ ही आदिवासी संग्रहालय और गरिमा गृह सरोना का भी भ्रमण किया गया। आदिवासी समाज भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। उनकी जीवन शैली, कला, संगीत, वेशभूषा, और परंपराएँ भारतीय लोकसंस्कृति को समृद्ध करती हैं। छात्रों में आदिवासी संस्कृति के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से किया गया।
    गरिमा गृह यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सम्मान और गरिमा से जीवन जीने का एक अवसर प्रदान करता है। यह पहल ट्रांसजेंडर को सम्मानजनक नौकरी और काम करने में मदद करती है, ताकि उन्हें भीख माँगने के लिए मजबूर न होना पड़े। इस आश्रय गृह का एक उद्देश्य ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें अत्याचारों से बचाना भी है।


उक्त कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ . अंबरीश त्रिपाठी, डॉ. रजनीश उमरे, डॉ. ओमकुमारी देवांगन, डॉ. रमणी चंद्राकर, डॉ. शारदा सिंह, डॉ. लता गोस्वामी एवं  स्नातकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहेे।