हन्ना अरेण्ट: ओरिजिन्स आफ टोटैलिटेरियनिज्म मे सर्वाधिकारवाद का सिद्धान्तीकरण

डाॅ. शकील हुसैन

“सर्वाधिकारवाद स्वतंत्रता का सबसे कट्टरपंथी खंडन है”

हन्ना की पुस्तक ओरिजिन्स आफ टोटलिटेरिएनिज्म बीसवीं शताब्दी की सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुस्तकों मंह से एक है क्योंकि इसने सर्वाधिकारवाद की विषद , गम्भीर, तार्किक और दार्शनिक व्याख्यि दी है । । उन्होंने जर्मनी और साम्यवादी सर्वाधिकारवाद की चर्चा की है और उसको लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया ।  शोध पत्र में यह विसर्जित करने का पत्नी किया गया है कि क्या अपनी पुस्तक में  हन्ना ने सर्वाधिकारवाद का सिद्धांतिकरम किया है अर्थात के उन्होंने कोई सिद्धांत देने का प्रयत्न किया है या उनका सर्वाधिकारवाद का विश्लेषण कोई सिद्धांत है अथवा केवल एक दार्शनिक व्याख्या है जो उनके अनुभव पर आधारित है ।  इस दृष्टि से इस शोध पत्र का मूल आधार और संदर्भ है हन्नाह की पुस्तक ओरिजिन आफ टोटैलिटेरियनिज्म है इस पुस्तक का मूल विषय ही सर्वाधिकारवाद है किंतु उसे केंद्र में रखकर उन्होने जो विश्लेषण दिया है उससे यह स्पष्ट ध्वनित होता है कि उन्होंने सिद्धान्तीकरण की कोशिश की है।  अतः उनकी पुस्तक में से सर्वाधिकारवाद को एक सिद्धांत के रूप में समझाने का प्रयत्न किया गया है ।


73-80 | 305 Views | 354 Downloads
How to cite this article:
हुसैन एस. (2023) : हन्ना अरेण्ट: ओरिजिन्स आफ टोटैलिटेरियनिज्म मे सर्वाधिकारवाद का सिद्धान्तीकरण Research Expression 6:9 p. 73-80 DOI: Https://Doi.Org/10.61703/Re9