उत्तर कोरिया पर पिछले तीन पीढियों से एक ही वंश का निरंकुशशासन आज के लोकतान्त्रिक युग में एक महत्वपूर्ण परिघटना है । लम्बे समय तक कोरियाजापान का उपनिवेश रहा था । जिसने इसे 1950– 53 कोरिया युद्ध के बाद स्वतंत्र औद्योगिक नीति निर्माण में सहायता प्रदान कियाउस समय सोवियत संघ ने उत्तर कोरिया कोव्यापारिक दृष्टि से समृद्ध बनाया । किन्तु सोवियत संघ के विघटन ने इसकी अर्थव्यवस्थाको भारी संकट में डाल दिया । साथ ही, राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था ने इस संकट को औरभी गंभीर बना दिया । उत्तर कोरिया की परमाणु नीति ने भी इसकी अर्थव्यवस्थापर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाया इन सब समस्या के बावजूद उत्तर कोरिया के पास विश्व की चौथी सबसे बड़ी सेना है । प्रस्तुत शोध इस बात का पता लगाना है इतनेप्रतिबंधो के बावजूद उत्तर कोरिया इतनी बड़ी सेना का संचालन के लिए धन कहा सेप्राप्त करता है । पिछले कुछ समय से उत्तर कोरिया की कुछ केंद्रीय समिति जैसे ब्यूरो 39 केकार्यो के अध्ययन में पाया गया कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों केलिए अवैध हथियारों, ड्रग्स तस्करी , नकली नोट , क्रिप्टोकरन्सी और वन्य जीवो सेजुड़े अवैध व्यापार का सहारा लिया है, उत्तर कोरिया की साइबर गतिविधियाँ न केवलअमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए, बल्किवैश्विक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की पूरी अखंडता के लिए सीधाखतरा हैं।(Bartlett,2020) यह अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा केलिए एक गंभीर चुनौती है । इसकी जड़े अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद (हिजबुल्लाह, हमास )से भी जुड़ी हुई है ।
प्रमुखशब्दावली : लोकतान्त्रिक युग, नियंत्रित अर्थव्यवस्था, ब्यूरो39, , क्रिप्टोकरन्सी, हिजबुल्लाह, हमास ।