बीसवीं सदी मे भारतीय राजनीति और राज्यपाल का पद

डाॅ. शकील हुसैन , अमित सिंह

राज्यपाल का पद हमारे संविधान में एक महत्वपूर्ण संस्था है। संविधान निर्माताओं द्वारा इसे द्वेध भूमिका सौंपी गई है जिसमें राज्य प्रशासन में संवैधानिक मापदण्डों के संरक्षण और राष्ट्रीय एकता बनाये रखने की अपेक्षा की गई है। प्रायः यह संवैधानिक अपेक्षापूर्ण होती भी है और नहीं भी। फलतः पिछले पांच दशकों के कार्यकरण में राज्यपाल का पद दिनों दिन विवादास्पद होता गया है। यही कारण है कि 1967 के बाद से आज तक भारतीय संघवाद में राज्यपालों की नियुक्ति एवं भूमिका, अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए सर्वाधिक रोचक विषय रहा है। राज्यपालों की हालिया नियुक्ति के संदर्भ में यह विषय पुनः महत्वपूर्ण हो गया है।

प्रमुख शब्दावली:  संविधान सभा, संविधान एवं राज्यपाल

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How to cite this article:
हुसैन एस.एवं सिंह ए. (2023) : बीसवीं सदी मे भारतीय राजनीति और राज्यपाल का पद Research Expression 6:9 p. 67-72 DOI: Https://Doi.Org/10.61703/Re8