साईंस कालेज, दुर्ग में भूगर्भषास्त्र एवं भूगोल विभाग द्वारा 7 दिवसीय कार्यषाला का दूसरा दिन डीईएम माॅडल पर विद्यार्थियों को दिया गया प्रषिक्षण

 
साईंस कालेज, दुर्ग में भूगर्भषास्त्र एवं भूगोल विभाग द्वारा 7 दिवसीय कार्यषाला का दूसरा दिन डीईएम माॅडल पर विद्यार्थियों को दिया गया प्रषिक्षण 

डिजिटल ऐलीवेषन माॅडल अर्थात् डीईएम का वर्तमान समय में पृथ्वी की सतही उतार-चढ़ाव के अध्ययन में विषेष महत्व है। इसके आधार पर पृथ्वी में उपस्थित प्राकृतिक संसाधनों जैसे - जल, खनिज आदि के अध्ययन में विषेष मदद मिलती है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ मिनरल डेव्हलपमेंट कार्पोरेषन सीएमडीसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अभिषेक देवांगन ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये। श्री देवांगन आज महाविद्यालय के भूगोल एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस पर आयोजित सात दिवसीय कार्यषाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। महाविद्यालय स्वामी विवेकानंद आॅडियो विजुअल हाॅल में आयोजित इस कार्यषाला में डाॅ. देवांगन ने सैध्दांतिक एवं प्रायोगिक दोनों प्रकार का प्रषिक्षण बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को दिया। डाॅ. अभिषेक ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को जानकारी दी कि पृथ्वी के सतह के उपर बहने वाली नदी, नाले एवं भूमिगत जल प्रवाह का अध्ययन भी डीईएम माॅडल के जरिये किया जा सकता है। डाॅ. देवांगन ने प्रायोगिक सत्र के दौरान विद्यार्थियों को डीईएम के कम्प्यूटर में उपयोग तथा इमेज का अध्ययन करना सिखाया। डाॅ. देवांगन के रोचक व्याख्यान के दौरान अनेक छात्र-छात्राओं ने प्रष्न पूछे जिनका डाॅ. देवांगन ने समाधान किया। 

सरस्वती पूजन के साथ आंरभ हुये इस कार्यषाला के दूसरे दिन मुख्य वक्ता का स्वागत भूगोल के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनिल कुमार मिश्रा ने किया। भूविज्ञान के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रषांत श्रीवास्तव ने डीईएम के महत्व एवं उसके अनुप्रयोग की विस्तार से जानकारी दी। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनिल कुमार मिश्रा ने अपने स्वागत भाषण में भूविज्ञान एवं भूगोल को पूरक विषय बताते हुये कहा कि इस डीईएम पर आधारित व्याख्यान से कार्यषाला से विद्यार्थियों को सैध्दांतिक एवं प्रायोगिक प्रषिक्षण प्राप्त होगा, इसका सीधा लाभ उन्हें आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं में प्राप्त होगा। कार्यषाला में भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री प्रषांत दुबे समस्त अतिथि प्राध्यापक एवं भूविज्ञान विभाग के अतिथि प्राध्यापक डाॅ. विकास स्वर्णकार एवं इन्द्रजीत साकेत सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।