भारत का आर्थिक विकास एवं योजनाएं - डाॅ. सुनील कुमेटी

 
भारत का आर्थिक विकास एवं योजनाएं - डाॅ. सुनील कुमेटी

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के अर्थषास्त्र विभाग द्वारा विस्तार व्याख्यानों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ मां सरस्वती को माल्र्यापण करके किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह एवं विभागाध्यक्ष डाॅ. के. पद्मावती के मार्गदर्षन में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ. सुनील कुमेटी, एसोसिएट प्राध्यापक, पंडित रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर डाॅ. अर्पणा घोष सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष सेंट थाॅमस कालेज, भिलाई उपस्थित रहे। श्री चंदन गोस्वामी, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय रानीतराई एवं डाॅ. श्रध्दा मिश्रा सहायक प्राध्यापक, डाॅ. राधा बाई शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय रायपुर रहे। 
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय सिंह ने विभाग में व्याख्यानों की श्रृखंला के माध्यम से उद्यमिता विकास पर बल दिया। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डाॅ. के. पद्मावती एवं डाॅ. अंषुमाला चन्दनगर द्वारा दिया गया। डाॅ. सुनील कुमेटी ने अपने व्याख्यान में भारत के विकास योजनाओं के विषय में जानकारी दी एवं उनकी सफलता, विफलता तथा भारत के विकास में योजनाओं के सहयोग के बारे में भी बताया। एलपीजी माॅडल (राव एवं मनमोहन माॅडल) के संबंध में विषेष रूप से चर्चा की। समय-समय पर पंचवर्षीय योजनाओं के बीच जो 1962 में चीन युध्द, 1965 में पाकिस्तान युध्द, हरित क्रांति योजना अवकाष इन सबको भी अपने व्याख्यान में बहुत ही सरल शब्दों में स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने ऐटेमिक एनर्जी के विषय में भी बताया जिनका सही उपयोग भारत के विष्व के द्वितीय सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा। 
सेंट थाॅमस महाविद्यालय, भिलाई की प्राध्यापक डाॅ. अर्पणा घोष ने विद्यार्थियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के आने वाले वर्षों में विष्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में अपना योगदान देने के लिय प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया ग्रीन एनर्जी मेक इन इंडिया वोकल फाॅर लोकल जैसी नितियां प्राप्त की आत्मनिर्भर की ओर ले जाना औद्योगिकरण आत्मनिर्भरता आयात प्रतिस्थापन और बेरोजगारी गरीबी उन्मूलन हरित क्राति व कृषि उत्पादन में वृध्दि पर जानकारी प्रदान की। 
अपने व्याख्यान में डाॅ. चंदन गोस्वामी ने आधुनिक भारत में बैकिंग व्यवस्था-नरसिम्हन समिति के द्वारा भारत के बैकिंग और वित्तीय संस्थानों में सुधार पर प्रकाष डाला साथ ही बैंकों की कार्य कुषलता व लाभ प्रदता व बैकिंग व्यवस्था में पारदर्षिता व उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने की जानकारी दी।
शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर से आयी डाॅ. श्रध्दा मैडम ने ळक्च्ए ळछच् प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीय क्षेत्र, तृतीय क्षेत्र के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विस्तार, कृषि उन्नति और सामाजिक कल्याण के निरंतर प्रयासों ने राज्य में स्थायी समृध्दि की एक मजबूत नींव रखी है। उन्होंने विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्था पर प्रकाष डाला। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ नवाचार और लचीनेपन के पथ पर अग्रसर होता जा रहा है। 
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. जिज्ञासा पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अंषुमाला चन्दनगर डाॅ. वंदना कष्यप ने दिया। कार्यक्रम में विभागीय सदस्यों के अलावा एम.ए. प्रथम सेमे. व तृतीय तथा बी.ए. प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी उपस्थित रहे।