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Sanskrit

Seminar Organized


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Topic

 

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Date

 

Annexure

 

2021

वेब संगोष्ठी : वैश्विक स्वास्थ्य संरक्षण में भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रासंगिकता

महाविद्यालय द्वारा

08-06-2021

https://drive.google.com/file/d/1UuY61--WhpegV9g2Q1aDSmGzk35OrrgK/view?usp=drivesdk

एकदिवसीय 08-06-2021

https://drive.google.com/file/d/1UuY61--WhpegV9g2Q1aDSmGzk35OrrgK/view?usp=drivesdk


 

Annexureformat for Seminar

Topic:-वेबसंगोष्ठी:वैश्विक स्वास्थ्य संरक्षण में भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रासंगिकता

Venue:-वर्चुअलप्लेटफार्म

Duration:-( one/two/three days) एकदिवसीय

Date:-   08-06-2021

Noof Recourse person:- 03

No.of participant:- 40

 Annexure format for Seminar

Topic:-वेबसंगोष्ठी:

Venue:-वर्चुअलप्लेटफार्म

Duration:-( one/two/three days) एकदिवसीय

 

Objectives:-वेबसंगोष्ठी का उद्देश्य संस्कृत साहित्य का स्वास्थ्य संरक्षण में योगदान उसकीमहत्ता पर चर्चा। प्राचीन, वैज्ञानिकतथा भारतीय आयुर्वेदिक जीवन शैली से स्वास्थ्य लाभ को समझकर  जीवन में अपनाने की दृष्टि का विकास करना है।

Detailsabout Programme :- ( maximum150 words)

वेबिनारके विषय विशेषज्ञों ने संस्कृत के योग एवं आयुर्वेद साहित्य के विविध पक्षों परप्रकाश डाला। सागर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ नौनिहालगौतम ने कहा कि संस्कृतकोई एक विषय मात्र नहीं है यह एक स्वस्थ जीवन शैली है,योगदर्शन में मुक्ति हेतु यम नियम के पालन के साथ सुखी जीवन हेतु भी आवश्यक है।

 डॉ बी एस पटेल सहाप्राध्यापक ,संस्कृतकॉलेज रायपुर ने

गीतातथा दर्शन की चिंतन परंपरा पर प्रकाश डाला ।

दिल्लीसे संस्कृत के विद्वान् आचार्य धनंजय शास्त्री  ने कहा कि संस्कृत में आधुनिक समस्याओं का समाधान है। आज पूरा विश्वमहामारियों से गुजर रहा है। जिसका समाधान भारतीय जीवन दर्शन में है।

प्राचार्यडॉ आर एन सिंह की ओर से हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अभिनेष सुराना ने भारतीय ज्ञानपरंपरा को आज के युग में अति प्रासंगिक बताया।

हमेंइनकी महत्ता को स्वीकार कर जीवन में अपनाना चाहिए।

 

Outcome:-इसवेबिनार के माध्यम से प्रतिभागियों में संस्कृत साहित्य के प्रति अभिरुचि और जागरूकता विकसित हुई।